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राष्‍ट्र-गान

रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा मूल रूप से बांग्ला में रचित जन-गण-मन गीत को 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण में अपनाया गया था।


राष्‍ट्र गान - पूर्ण और संक्षिप्‍त संस्‍करण

उपरोक्‍त राष्‍ट्र गान का पूर्ण संस्‍करण है और इसकी कुल अवधि लगभग 52 सेकंड है।
जन-गण-मन-अधिनायक जय हे
भारत-भाग्‍य-विधाता
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्‍कल-बंग
विंध्य-हिमाचल-यमुना-गंगा
उच्‍छल-जलधि-तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे,
गाहे तव जय-गाथा ।
जन-गण-मंगल-दायक जय हे
भारत भाग्‍य विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे ।

राष्‍ट्र गान की पहली और अंतिम पंक्तियों के साथ एक संक्षिप्‍त संस्‍करण भी कुछ विशिष्‍ट अवसरों पर बजाया जाता है। इसे इस प्रकार पढ़ा जाता है:

संक्षिप्‍त संस्‍करण को चलाने की अवधि लगभग 20 सेकंड है।
जन-गण-मन-अधिनायक जय हे
भारत-भाग्‍य-विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय जय हे ।

ध्यान दें*

राष्‍ट्र-गान की अधिक जानकारी के लिए इस वेबसाइट को देखें

स्रोत: इंडिया बुक 2020 - एक संदर्भ वार्षिक